Friday, May 23, 2008

Kal maine khuda se poocha

कल मैने खुदा से पूछा कि खूबसूरती क्या है?
तो वो बोले

खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ
खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए
खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ
खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल हो

Jeene ke liya soccha na tha

जीने के लिए सोचा ही ना था, दर्द संभालने होंगे
मुस्कुराऊँ तो, मुस्कुराने के क़र्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊँ कभी तो लगता है
जैसे होंटों पे क़र्ज़ रखा है
आज अगर भर आई है, बूँदें बरस जायेंगी
कल कया पता इनके लिए आखें तरस जाएँगी
जाने कहाँ गम कहाँ खोया
एक आंसू छुपाके रखा था

Dil to dukha hai

सच है के दिल तो दुखा है
हमने मगर सोचा है
दिल को है ग़म क्यों
आँख है नम क्यों
होना ही था जो हुआ है
उस बात को जाने भी दो
जिसका निशाँ कल हो ना हो
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समां कल हो ना हो

Kabhi Jeena na diya

चैन से हमको कभी , आप ने जीने ना दिया
जहर भी चाहा अगर , पीना तो पीने ना दिया
चाँद के रथ में , रात की दुल्हन जब जब आयेगी
याद हमारी , आप के दिल को , तड़पा जायेगी
आप ने जो हैं दिया , वो तो किसी ने ना दिया
आप का गम जो , इस दिल में दिनरात अगर होगा
सोच के ये दम घुटता है, फिर कैसे गुजर होगा
काश न आती अपनी जुदाई , मौत ही आ जाती
कोइ बहाने चैन हमारी, रूह तो पा जाती
एक पल हँसना कभी , दिल की लगी ने ना दिया

Chalta aur rukta hoo

मैं दो कदम चलता और एक पल को रुकता मगर………..
इस एक पल जिन्दगी मुझसे चार कदम आगे बढ जाती ।
मैं फिर दो कदम चलता और एक पल को रुकता और….
जिन्दगी फिर मुझसे चार कदम आगे बढ जाती ।
युँ ही जिन्दगी को जीतता देख मैं मुस्कुराता और….
जिन्दगी मेरी मुस्कुराहट पर हैंरान होती ।
ये सिलसिला यहीं चलता रहता…..

फिर एक दिन मुझे हंसता देख एक सितारे ने पुछा……….
” तुम हार कर भी मुस्कुराते हो ! क्या तुम्हें दुख नहीं होता हार का ? “
तब मैंनें कहा…………….
मुझे पता हैं एक ऐसी सरहद आयेगी जहाँ से आगे
जिन्दगी चार कदम तो क्या एक कदम भी आगे ना बढ पायेगी,
तब जिन्दगी मेरा इन्तज़ार करेगी और मैं……
तब भी युँ ही चलता रुकता अपनी रफ्तार से अपनी धुन मैं वहाँ पहुँगा…….
एक पल रुक कर, जिन्दगी को देख कर मुस्कुराउगा……….
बीते सफर को एक नज़र देख अपने कदम फिर बढाँउगा।
ठीक उसी पल मैं जिन्दगी से जीत जाउगा………
मैं अपनी हार पर भी मुस्कुराता था और अपनी जीत पर भी……
मगर जिन्दगी अपनी जीत पर भी ना मुस्कुरा पाई थी और अपनी हार पर भी ना रो पायेगी

Jane ki addat hai

रास्ते में ही छोड़कर उन्हे जाने कि आदत है

वो मेरे हर सच से खुश होती,
जिसे हमेशा झूठ बोलने की आदत थी,
वो एक आंसू भी गिरने पर खफा होती थी,
जिसे तन्हाई में रोने की आदत थी,
वो कहती थी की मुझे याद रखोगे,
जिसे मेरी हर बात भूल जाने की आदत थी,
रोज़ गलतियां के बहाने से,
हमेशा माफ़ी मांगने की उसकी आदत थी,
वो जो दिल जान न्योछावर करती थी मुझ पर,
मगर छोटी सी बात पर रूठना उसकी आदत थी,
हम उसके साथ चल दिए पर ये नहीं जानते थे,
की रास्ते में ही छोड़कर उन्हे जाने कि आदत है,,,

Kuch Kammi si hai

तो बहुत कुछ है पास मेरे फिर भी कुछ कमी सी है
घिंरा हूँ चारो तरफ़ मुस्कुराते चेहरो से
फिर भी जिन्दगी में उजाले भरने वाली उस मुस्कुराहट की कमी सी है
दिख रही है पहचान अपनी ओर उठते हर नज़र में
फिर भी दिल को छु लेने वालि उस निगाह की कमी सी है
गुँज़ता है हर दिन नये किस्सो, कोलाहल और ठहाको से
फिर भी कानो में गुनगुनाति उस खामोशी कि कमी सी है
बढ़ रहे है कदम मेरे पाने को नयी मन्ज़िलें
फिर भी इन हाथो से छुट चुके उन नरम हाथो की कमी सी है.
"हमेशा हँसते रहो, हँसना ज़िन्दगी की जरूरत है,
जिन्दगी जियों इस अन्दाज़ में कि आप को देंखकर लगे की जिन्दगी कितनी खूबसूरत